महिलाओं ने आज जितिया व्रत कर की पूजा

पटना सिटी, (खौफ 24) आज महिलाओं ने व्रत रखकर पूजा कर पंडित जी द्वारा जितिया व्रत की कहानी सुनते और फिर पूजा पाठ करती जितिया व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इससे एक दिन पूर्व यानी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर नहाय-खाय मनाया जाता है। इस साल 13 सितंबर को नहाय खाय है। इस शुभ अवसर पर व्रती महिलाएं स्नान-ध्यान कर जीमूतवाहन जी की पूजा करती है

आप को बता दे कि जीवित्पुत्रिका की कहानी राजा जीमूतवाहन के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्होंने पक्षियों के राजा गरुड़ से एक साँप को बचाने के लिए खुद का बलिदान दे दिया था। उनकी निस्वार्थता से प्रभावित होकर, गरुड़ ने उन्हें छोड़ दिया और साँपों की बलि देने की प्रथा को समाप्त कर दिया, इस प्रकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की,

Advertisements
HOLY VISION SCHOOL
Advertisements
SHYAM JWELLERS

जीवित्पुत्रिका, जिसे जितिया व्रत भी कहा जाता है, यह हिंदू त्योहार है।यह त्योहार माताएँ अपनी संतान की भलाई, लंबी आयु और समृद्धि के लिए रखती हैं। यह उत्सव तीन दिनों तक चलता है। जितिया व्रत का महत्व होता है अपने बच्चों की सुरक्षा और उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करना. ये व्रत खासकर पुत्र के साथ साथ अपनी सारी संतानों की भलाई और लंबी उम्र के लिए भी रखा जाता है. जितिया व्रत मुख्य रूप से बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में मनाया जाता है. इस बार 13 सितंबर को नहाय-खाय, 14 सितंबर को महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास करेंगी। व्रत का समापन 15 सितंबर की सुबह पारण के साथ किया जाएगा। मान्यता है कि यह कठिन व्रत माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और सलामती के लिए करती हैं। यह व्रत हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी से नवमी तिथि तक मनाया जाता है।

Даркнет Сайт Кракен Зеркало Ссылка

slot zeus colombia88 macau999